Balu Sariya Cement Price Update – नई GST दरों के लागू होने के बाद से देशभर में निर्माण कार्यों के लिए जरूरी सामग्रियों जैसे सीमेंट, सरिया और बालू के दामों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। सरकार द्वारा लागू किए गए इस नए टैक्स सुधार का सीधा असर आम जनता, ठेकेदारों और बिल्डरों पर पड़ा है। पहले जहां सीमेंट की कीमत ₹420 प्रति बोरी तक पहुंच चुकी थी, वहीं अब यह ₹360 से ₹380 के बीच उपलब्ध है। इसी तरह सरिया के दामों में ₹5,000 से ₹7,000 प्रति टन की कमी आई है। बालू के रेट भी घटकर ₹900 से ₹1,000 प्रति ट्रॉली रह गए हैं। इस बड़ी गिरावट ने न केवल घर बनाने की लागत को कम किया है, बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना और अन्य सरकारी प्रोजेक्ट्स को भी रफ्तार दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले महीनों में कीमतों में और कमी देखने को मिल सकती है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में निर्माण कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।
नई GST दरों से निर्माण सामग्री के दामों में राहत
नई GST नीति के बाद निर्माण क्षेत्र में एक सकारात्मक माहौल बना है। पहले सीमेंट और सरिया पर 18% तक टैक्स लगाया जाता था, जिसे घटाकर अब 12% कर दिया गया है। इससे उद्योग को राहत मिली है और उत्पादन लागत में भारी कमी आई है। टैक्स घटने से उपभोक्ताओं को सीधा फायदा हुआ है क्योंकि अब बिल्डिंग मटेरियल सस्ते दरों पर उपलब्ध हैं। बिल्डर्स और आम लोग अब अपने घरों के निर्माण की योजना को सस्ते बजट में पूरा कर पा रहे हैं।
सरिया और बालू के दामों में भारी गिरावट से आई राहत
GST में कमी का सबसे बड़ा असर सरिया और बालू के दामों पर देखने को मिला है। पहले जहां सरिया ₹72,000 प्रति टन तक बिक रही थी, वहीं अब यह घटकर ₹65,000 प्रति टन तक पहुंच गई है। बालू के रेट भी ₹1,200 प्रति ट्रॉली से घटकर ₹900 तक हो गए हैं। इस कमी से ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में निर्माण की गति तेज़ हुई है। ठेकेदारों का कहना है कि निर्माण की लागत अब पहले की तुलना में 20% तक कम हो गई है। इससे घर, पुल, सड़क और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में तेजी आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में यह गिरावट स्थिर बनी रह सकती है, जिससे निर्माण क्षेत्र को नई ऊर्जा मिलेगी।
सरकार की नई नीति का असर आम जनता पर
GST सुधारों का सीधा फायदा आम जनता को मिला है। अब घर बनाने की कुल लागत में 25% तक की बचत हो रही है। पहले मध्यमवर्गीय परिवार को बजट से ज्यादा खर्च करना पड़ता था, लेकिन अब वही काम कम पैसों में संभव हो गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) और अन्य सरकारी निर्माण योजनाओं में भी इस बदलाव से लागत घटने के कारण अधिक लाभार्थियों को फायदा मिलेगा। सरकार का उद्देश्य टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाना और आम नागरिकों को सीधा लाभ पहुंचाना है।
आने वाले महीनों में और सस्ता हो सकता है निर्माण
बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में सीमेंट, सरिया और बालू की कीमतों में और गिरावट संभव है। सरकार ने परिवहन कर में भी राहत दी है, जिससे दूरदराज के इलाकों में सस्ते दामों पर निर्माण सामग्री पहुंचाई जा सके। उत्पादन बढ़ने से आपूर्ति में स्थिरता आएगी, जिससे दाम और कम होंगे। अगर यह ट्रेंड जारी रहा तो 2025 के अंत तक घर बनाने की कुल लागत में 25-30% तक की गिरावट देखने को मिल सकती है। इससे देशभर में निर्माण क्षेत्र को नई दिशा और विकास की गति मिलेगी।