सरकार ने छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है — अब खेती के उपकरणों (farm equipment) पर 85% तक की सब्सिडी मिल सकती है। यह योजना किसानों की उत्पादकता बढ़ाने, लागत घटाने और आधुनिक कृषि तकनीक अपनाने में मदद करेगी।
यह योजना किस प्रकार काम करती है?
उद्देश्य और प्रमुख बातें
इस सब्सिडी का उद्देश्य है किसानों को आधुनिक उपकरणों—जैसे ट्रैक्टर-आधारित उपकरण, पॉवर टिलर, सीडर, हार्वेस्टर, ड्रिप इरिगेशन किट और अन्य छोटे मशीनरी—तक सुलभ बनाना। अधिकतर मामलों में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर यह सब्सिडी देती हैं।
किसान के लिए लाभ
- कम लागत में उपकरण उपलब्ध: 85% सब्सिडी से किसानों का निवेश बहुत कम होगा।
- उत्पादन बढ़ेगा: आधुनिक मशीनरी से समय और श्रम दोनों की बचत होती है।
- जल और उर्वरक की बचत: ड्रिप/स्प्रिंकलर से संसाधन कम लगते हैं।
- आय में स्थिरता: बेहतर उपज से दीर्घकालिक आय में वृद्धि।
सब्सिडी का अनुमानित ब्रेकडाउन
| उपकरण | मूल्य (₹) | सरकारी सब्सिडी (%) | किसान को भुगतान (₹) |
|---|---|---|---|
| पावर टिलर | ₹1,20,000 | 85% | ₹18,000 |
| ड्रिप इरिगेशन किट (1 हेक्टेयर) | ₹40,000 | 85% | ₹6,000 |
| छोटा हार्वेस्टर | ₹2,50,000 | 85% | ₹37,500 |
पात्रता और आवश्यक दस्तावेज़
- भारत का स्थायी नागरिक होना चाहिए
- किसान का नाम रिकॉर्डेड जमीन/कृषि पंजीकरण में होना चाहिए
- आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जमीन के दस्तावेज और पासपोर्ट साइज फोटो
- कभी-कभी आय प्रमाण या किसान परिवार का प्रमाण माँगा जा सकता है
आवेदन प्रक्रिया (कैसे आवेदन करें)
- अपने राज्य के कृषि विभाग की वेबसाइट पर योजना सेक्शन देखें
- ऑनलाइन फॉर्म भरें या नज़दीकी कृषि कार्यालय/कृषि सहकारी समिति में जाएँ
- आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड/जमा करें और सब्सिडी के लिए आवेदन जमा करें
- मान्यता प्राप्त विक्रेता से उपकरण खरीदें; प्रमाण पत्र और बिल से सब्सिडी क्लेम करें
टिप्स और सुझाव
- स्थानीय कृषि विस्तार अधिकारी से मार्गदर्शन लें।
- ऑनलाइन फॉर्म भरने से पहले सभी दस्तावेज़ स्कैन रखें।
- गुणवत्ता वाले प्रमाणन प्राप्त विक्रेता से ही खरीददारी करें।
निष्कर्ष
85% सब्सिडी एक शक्तिशाली अवसर है जो छोटे किसानों को आधुनिक कृषि अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। यदि आप पात्र हैं, तो तुरंत आवेदन करें और अपनी पैदावार तथा आय को बढ़ाने के लिए इस योजना का लाभ उठाएँ।