PM Vishwakarma Yojana Registration – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना अब पूरे देश में कारीगरों और पारंपरिक श्रमिकों के लिए एक नई उम्मीद बनकर सामने आई है। इस योजना का उद्देश्य देश के ऐसे लाखों कारीगरों को सशक्त बनाना है जो परंपरागत शिल्प, कामगार या हस्तकला के माध्यम से अपनी आजीविका चलाते हैं। अब इस योजना के तहत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे इच्छुक व्यक्ति घर बैठे ही आवेदन कर सकते हैं। योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को ₹15,000 का टूल किट इंसेंटिव, कौशल विकास प्रशिक्षण, ₹1 लाख तक का आसान लोन और पहचान हेतु डिजिटल प्रमाणपत्र मिलेगा। साथ ही उन्हें सरकार की तरफ से मार्केटिंग सपोर्ट और प्रमोशन भी मिलेगा। इस योजना से बढ़ई, लोहार, कुम्हार, राजमिस्त्री, सुनार, दर्जी, नाई जैसे पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े लोगों को सीधा फायदा होगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता और आवश्यक दस्तावेज
पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन करने के लिए कुछ जरूरी पात्रता शर्तें और दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। इस योजना का लाभ वही लोग उठा सकते हैं जो पारंपरिक कारीगर हैं और स्वयं का कार्य करते हैं, जैसे कि बढ़ई, लोहार, सुनार, मोची, कुम्हार, राजमिस्त्री, दर्जी आदि। आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए और वह किसी अन्य सरकारी योजना के तहत पहले से लाभार्थी नहीं होना चाहिए। आवेदन करते समय आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक खाता विवरण, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। साथ ही कार्य से संबंधित प्रमाण जैसे दुकान या कार्यस्थल का विवरण भी देना होगा।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और आवेदन का तरीका
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को बेहद आसान और पारदर्शी बनाया गया है ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के कारीगर बिना किसी परेशानी के इसका लाभ उठा सकें। इच्छुक व्यक्ति सबसे पहले पीएम विश्वकर्मा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और “नया पंजीकरण” विकल्प पर क्लिक करें। इसके बाद आधार कार्ड से OTP वेरिफिकेशन किया जाएगा, फिर आवेदक को अपनी व्यक्तिगत जानकारी, व्यवसाय विवरण और बैंक खाता विवरण भरना होगा। इसके बाद आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर सबमिट कर सकते हैं।
कारीगरों को मिलने वाले लाभ और सरकारी सहायता
पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत कारीगरों को कई प्रकार की आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी जिससे वे अपने पारंपरिक व्यवसाय को और अधिक सशक्त बना सकें। सबसे पहले, उन्हें ₹15,000 तक की आधुनिक टूलकिट प्राप्त होगी जिससे कार्य की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सके। इसके अतिरिक्त, लाभार्थियों को स्किल अपग्रेडेशन के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा जो उन्हें बाजार की मांगों के अनुसार अपने कौशल को उन्नत करने में मदद करेगा। सरकार उन्हें ₹1 लाख तक का बिना गारंटी लोन भी प्रदान करेगी जिससे वे अपने व्यवसाय को विस्तार दे सकें। साथ ही डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन, प्रमोशनल मार्केटिंग और कस्टमर नेटवर्किंग सपोर्ट भी योजना का हिस्सा है।
योजना से जुड़े प्रमुख लाभार्थी और ग्रामीण भारत में प्रभाव
पीएम विश्वकर्मा योजना का सबसे बड़ा लाभ देश के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में रहने वाले उन कारीगरों को मिल रहा है, जो वर्षों से पारंपरिक कार्यों में लगे हुए हैं लेकिन उन्हें आज तक कोई संस्थागत सहयोग नहीं मिल पाया था। बढ़ई, कुम्हार, दर्जी, मोची, लोहार, सुनार और अन्य पारंपरिक कार्यों में माहिर लोग अब इस योजना से सीधे जुड़कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं। विशेषकर ग्रामीण महिलाओं और युवा कारीगरों को इससे नई उम्मीद मिली है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। पहले जो लोग सीमित संसाधनों के कारण अपने व्यवसाय का विस्तार नहीं कर पाते थे, अब उन्हें सरकार की तरफ से तकनीकी, वित्तीय और विपणन सहायता मिल रही है।